Original

वासुदेव उवाच ।कच्चित्सुखेन रजनी व्युष्टा ते राजसत्तम ।विस्पष्टलक्षणा बुद्धिः कच्चिच्चोपस्थिता तव ॥ १५ ॥

Segmented

वासुदेव उवाच कच्चित् सुखेन रजनी व्युष्टा ते राज-सत्तम विस्पष्ट-लक्षणा बुद्धिः कच्चित् च उपस्थिता तव

Analysis

Word Lemma Parse
वासुदेव वासुदेव pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
कच्चित् कच्चित् pos=i
सुखेन सुखेन pos=i
रजनी रजनी pos=n,g=f,c=1,n=s
व्युष्टा विवस् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
ते त्वद् pos=n,g=,c=4,n=s
राज राजन् pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
विस्पष्ट विस्पष्ट pos=a,comp=y
लक्षणा लक्षण pos=n,g=f,c=1,n=s
बुद्धिः बुद्धि pos=n,g=f,c=1,n=s
कच्चित् कच्चित् pos=i
pos=i
उपस्थिता उपस्था pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s