महाभारतम् — 12.49.24
Original
Segmented
ऋचीक उवाच न उक्त-पूर्वम् मया भद्रे स्वैरेषु अपि अनृतम् वचः किम् उत अग्निम् समाधाय मन्त्रवत् चरु-साधने
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋचीक | ऋचीक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
उक्त | वच् | pos=va,comp=y,f=part |
पूर्वम् | पूर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
भद्रे | भद्र | pos=a,g=f,c=8,n=s |
स्वैरेषु | स्वैर | pos=a,g=m,c=7,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
अनृतम् | अनृत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किम् | किम् | pos=i |
उत | उत | pos=i |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समाधाय | समाधा | pos=vi |
मन्त्रवत् | मन्त्रवत् | pos=i |
चरु | चरु | pos=n,comp=y |
साधने | साधन | pos=n,g=n,c=7,n=s |