Original

त्वत्प्रपन्नाय भक्ताय शिरसा प्रणताय च ।ध्यानस्यास्य यथातत्त्वं ब्रूहि धर्मभृतां वर ॥ ९ ॥

Segmented

त्वद्-प्रपन्नाय भक्ताय शिरसा प्रणताय च ध्यानस्य अस्य यथातत्त्वम् ब्रूहि धर्म-भृताम् वर

Analysis

Word Lemma Parse
त्वद् त्वद् pos=n,comp=y
प्रपन्नाय प्रपद् pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part
भक्ताय भक्त pos=n,g=m,c=4,n=s
शिरसा शिरस् pos=n,g=n,c=3,n=s
प्रणताय प्रणम् pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part
pos=i
ध्यानस्य ध्यान pos=n,g=n,c=6,n=s
अस्य इदम् pos=n,g=n,c=6,n=s
यथातत्त्वम् यथातत्त्वम् pos=i
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
वर वर pos=a,g=m,c=8,n=s