महाभारतम् — 12.45.3
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच शृणु राज-इन्द्र तत्त्वेन कीर्त्यमानम् मया अनघ वासुदेवम् पुरस्कृत्य यद् अकुर्वत पाण्डवाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तत्त्वेन | तत्त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
कीर्त्यमानम् | कीर्तय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
अनघ | अनघ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
वासुदेवम् | वासुदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पुरस्कृत्य | पुरस्कृ | pos=vi |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अकुर्वत | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |