Original

वैशंपायन उवाच ।शृणु राजेन्द्र तत्त्वेन कीर्त्यमानं मयानघ ।वासुदेवं पुरस्कृत्य यदकुर्वत पाण्डवाः ॥ ३ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच शृणु राज-इन्द्र तत्त्वेन कीर्त्यमानम् मया अनघ वासुदेवम् पुरस्कृत्य यद् अकुर्वत पाण्डवाः

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शृणु श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
राज राजन् pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
तत्त्वेन तत्त्व pos=n,g=n,c=3,n=s
कीर्त्यमानम् कीर्तय् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
अनघ अनघ pos=a,g=m,c=8,n=s
वासुदेवम् वासुदेव pos=n,g=m,c=2,n=s
पुरस्कृत्य पुरस्कृ pos=vi
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अकुर्वत कृ pos=v,p=3,n=p,l=lan
पाण्डवाः पाण्डव pos=n,g=m,c=1,n=p