महाभारतम् — 12.44.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततो विसर्जयामास सर्वाः प्रकृतयो नृपः विविशुः च अभ्यनुज्ञाताः यथास्वानि गृहाणि च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ततो | ततस् | pos=i |
विसर्जयामास | विसर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सर्वाः | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
प्रकृतयो | प्रकृति | pos=n,g=f,c=2,n=p |
नृपः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विविशुः | विश् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
च | च | pos=i |
अभ्यनुज्ञाताः | अभ्यनुज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
यथास्वानि | यथास्व | pos=a,g=n,c=2,n=p |
गृहाणि | गृह | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |