Original

धन्या त्वमसि पाञ्चालि या त्वं पुरुषसत्तमान् ।उपतिष्ठसि कल्याणि महर्षीनिव गौतमी ॥ ५ ॥

Segmented

धन्या त्वम् असि पाञ्चालि या त्वम् पुरुष-सत्तमान् उपतिष्ठसि कल्याणि महा-ऋषीन् इव गौतमी

Analysis

Word Lemma Parse
धन्या धन्य pos=a,g=f,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
असि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
पाञ्चालि पाञ्चाली pos=n,g=f,c=8,n=s
या यद् pos=n,g=f,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
पुरुष पुरुष pos=n,comp=y
सत्तमान् सत्तम pos=a,g=m,c=2,n=p
उपतिष्ठसि उपस्था pos=v,p=2,n=s,l=lat
कल्याणि कल्याण pos=a,g=f,c=8,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
ऋषीन् ऋषि pos=n,g=m,c=2,n=p
इव इव pos=i
गौतमी गौतमी pos=n,g=f,c=1,n=s