Original

सोऽनुनीतो नरव्याघ्रो विष्टरश्रवसा स्वयम् ।द्वैपायनेन च तथा देवस्थानेन जिष्णुना ॥ २७ ॥

Segmented

सो ऽनुनीतो नर-व्याघ्रः विष्टरश्रवसा स्वयम् द्वैपायनेन च तथा देव-स्थानेन जिष्णुना

Analysis

Word Lemma Parse
सो तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽनुनीतो अनुनी pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
नर नर pos=n,comp=y
व्याघ्रः व्याघ्र pos=n,g=m,c=1,n=s
विष्टरश्रवसा विष्टरश्रवस् pos=n,g=m,c=3,n=s
स्वयम् स्वयम् pos=i
द्वैपायनेन द्वैपायन pos=n,g=m,c=3,n=s
pos=i
तथा तथा pos=i
देव देव pos=n,comp=y
स्थानेन स्थान pos=n,g=m,c=3,n=s
जिष्णुना जिष्णु pos=n,g=m,c=3,n=s