महाभारतम् — 12.37.42
Original
Segmented
देवतानाम् पितॄणाम् च हव्य-कव्य-विनाशनः शत्रुः अर्थ-हरः मूर्खो न लोकान् प्राप्तुम् अर्हति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
देवतानाम् | देवता | pos=n,g=f,c=6,n=p |
पितॄणाम् | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
हव्य | हव्य | pos=n,comp=y |
कव्य | कव्य | pos=n,comp=y |
विनाशनः | विनाशन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शत्रुः | शत्रु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
हरः | हर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मूर्खो | मूर्ख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्राप्तुम् | प्राप् | pos=vi |
अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |