महाभारतम् — 12.36.24
Original
Segmented
कृच्छ्राद् द्वादश-रात्रेण सु अभ्यस्तेन दश-अवरम् परिवेत्ता भवेत् पूतः परिवित्ति च भारत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृच्छ्राद् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
द्वादश | द्वादशन् | pos=n,comp=y |
रात्रेण | रात्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सु | सु | pos=i |
अभ्यस्तेन | अभ्यस् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
दश | दशन् | pos=n,comp=y |
अवरम् | अवर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
परिवेत्ता | परिवेत्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पूतः | पू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
परिवित्ति | परिवित्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |