Original

ब्राह्मण उवाच ।धर्मारण्यं हि मां विद्धि नागं द्रष्टुमिहागतम् ।पद्मनाभं द्विजश्रेष्ठं तत्र मे कार्यमाहितम् ॥ ५ ॥

Segmented

ब्राह्मण उवाच धर्मारण्यम् हि माम् विद्धि नागम् द्रष्टुम् इह आगतम् पद्मनाभम् द्विजश्रेष्ठम् तत्र मे कार्यम् आहितम्

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
धर्मारण्यम् धर्मारण्य pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
नागम् नाग pos=n,g=m,c=2,n=s
द्रष्टुम् दृश् pos=vi
इह इह pos=i
आगतम् आगम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
पद्मनाभम् पद्मनाभ pos=n,g=m,c=2,n=s
द्विजश्रेष्ठम् द्विजश्रेष्ठ pos=n,g=m,c=2,n=s
तत्र तत्र pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
कार्यम् कार्य pos=n,g=n,c=1,n=s
आहितम् आधा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part