महाभारतम् — 12.349.4
Original
Segmented
आभिमुख्याद् अभिक्रम्य स्नेहात् पृच्छामि ते द्विज विविक्ते गोमती-तीरे किम् वा त्वम् पर्युपाससे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आभिमुख्याद् | आभिमुख्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अभिक्रम्य | अभिक्रम् | pos=vi |
स्नेहात् | स्नेह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
पृच्छामि | प्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
द्विज | द्विज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
विविक्ते | विविक्त | pos=a,g=n,c=7,n=s |
गोमती | गोमती | pos=n,comp=y |
तीरे | तीर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
किम् | किम् | pos=i |
वा | वा | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
पर्युपाससे | पर्युपास् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |