Original

साहं धर्मं विजानन्ती धर्मनित्ये त्वयि स्थिते ।सत्पथं कथमुत्सृज्य यास्यामि विषमे पथि ॥ ११ ॥

Segmented

सा अहम् धर्मम् विजानन्ती धर्म-नित्ये त्वयि स्थिते सत्-पथम् कथम् उत्सृज्य यास्यामि विषमे पथि

Analysis

Word Lemma Parse
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
विजानन्ती विज्ञा pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
धर्म धर्म pos=n,comp=y
नित्ये नित्य pos=a,g=m,c=7,n=s
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
स्थिते स्था pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
सत् सत् pos=a,comp=y
पथम् पथ pos=n,g=m,c=2,n=s
कथम् कथम् pos=i
उत्सृज्य उत्सृज् pos=vi
यास्यामि या pos=v,p=1,n=s,l=lrt
विषमे विषम pos=a,g=m,c=7,n=s
पथि पथिन् pos=n,g=,c=7,n=s