महाभारतम् — 12.337.41
Original
Segmented
श्री-भगवान् उवाच मन्वन्तरेषु पुत्र त्वम् एवम् लोक-प्रवर्तकः भविष्यसि अचलः ब्रह्मन्न् अप्रधृष्यः च नित्यशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्री | श्री | pos=n,comp=y |
भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मन्वन्तरेषु | मन्वन्तर | pos=n,g=n,c=7,n=p |
पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
प्रवर्तकः | प्रवर्तक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भविष्यसि | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
अचलः | अचल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ब्रह्मन्न् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अप्रधृष्यः | अप्रधृष्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
नित्यशः | नित्यशस् | pos=i |