महाभारतम् — 12.337.34
Original
Segmented
मया धृता धारयति जगत् हि स चराचरम् तस्मात् पृथ्व्याः परित्राणम् करिष्ये संभवम् गतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
धृता | धृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
धारयति | धारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
स | स | pos=i |
चराचरम् | चराचर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
पृथ्व्याः | पृथ्वी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
परित्राणम् | परित्राण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करिष्ये | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
संभवम् | सम्भव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गतः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |