महाभारतम् — 12.337.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच सांख्यम् योगम् पञ्चरात्रम् वेद-आरण्यकम् एव च ज्ञानानि एतानि ब्रह्मर्षे लोकेषु प्रचरन्ति ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सांख्यम् | सांख्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
योगम् | योग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पञ्चरात्रम् | पञ्चरात्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वेद | वेद | pos=n,comp=y |
आरण्यकम् | आरण्यक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
ज्ञानानि | ज्ञान | pos=n,g=n,c=1,n=p |
एतानि | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
ब्रह्मर्षे | ब्रह्मर्षि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
प्रचरन्ति | प्रचर् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ह | ह | pos=i |