Original

नारदेन तु संप्राप्तः सरहस्यः ससंग्रहः ।एष धर्मो जगन्नाथात्साक्षान्नारायणान्नृप ॥ ५० ॥

Segmented

नारदेन तु सम्प्राप्तः स रहस्यः स संग्रहः एष धर्मो जगन्नाथात् साक्षात् नारायणात् नृप

Analysis

Word Lemma Parse
नारदेन नारद pos=n,g=m,c=3,n=s
तु तु pos=i
सम्प्राप्तः सम्प्राप् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
रहस्यः रहस्य pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
संग्रहः संग्रह pos=n,g=m,c=1,n=s
एष एतद् pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्मो धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
जगन्नाथात् जगन्नाथ pos=n,g=m,c=5,n=s
साक्षात् साक्षात् pos=i
नारायणात् नारायण pos=n,g=m,c=5,n=s
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s