महाभारतम् — 12.336.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच अहो हि एकान्तिन् सर्वान् प्रीणाति भगवान् हरिः विधि-प्रयुक्ताम् पूजाम् च गृह्णाति भगवान् स्वयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अहो | अहो | pos=i |
हि | हि | pos=i |
एकान्तिन् | एकान्तिन् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रीणाति | प्री | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हरिः | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विधि | विधि | pos=n,comp=y |
प्रयुक्ताम् | प्रयुज् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
पूजाम् | पूजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
गृह्णाति | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वयम् | स्वयम् | pos=i |