महाभारतम् — 12.335.17
Original
Segmented
विद्या-सहायवान् देवो विष्वक्सेनो हरिः प्रभुः अप्सु एव शयनम् चक्रे निद्रा-योगम् उपागतः जगतः चिन्तयन् सृष्टिम् चित्राम् बहु-गुण-उद्भवाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विद्या | विद्या | pos=n,comp=y |
सहायवान् | सहायवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विष्वक्सेनो | विष्वक्सेन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हरिः | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रभुः | प्रभु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अप्सु | अप् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
एव | एव | pos=i |
शयनम् | शयन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
निद्रा | निद्रा | pos=n,comp=y |
योगम् | योग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपागतः | उपागम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
जगतः | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
चिन्तयन् | चिन्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सृष्टिम् | सृष्टि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
चित्राम् | चित्र | pos=a,g=f,c=2,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
उद्भवाम् | उद्भव | pos=n,g=f,c=2,n=s |