महाभारतम् — 12.331.30
Original
Segmented
श्वेतद्वीपे मया दृष्टाः तादृशौ ऋषि-सत्तमौ इति संचिन्त्य मनसा कृत्वा च अभिप्रदक्षिणम् उपोपविविशे तत्र पीठे कुश-मये शुभे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्वेतद्वीपे | श्वेतद्वीप | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
दृष्टाः | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तादृशौ | तादृश | pos=a,g=m,c=1,n=d |
ऋषि | ऋषि | pos=n,comp=y |
सत्तमौ | सत्तम | pos=a,g=m,c=1,n=d |
इति | इति | pos=i |
संचिन्त्य | संचिन्तय् | pos=vi |
मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
च | च | pos=i |
अभिप्रदक्षिणम् | अभिप्रदक्षिणम् | pos=i |
उपोपविविशे | उपोपविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत्र | तत्र | pos=i |
पीठे | पीठ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कुश | कुश | pos=n,comp=y |
मये | मय | pos=a,g=n,c=7,n=s |
शुभे | शुभ | pos=a,g=n,c=7,n=s |