महाभारतम् — 12.330.68
Original
Segmented
एवम् बहुविधै रूपैः चरामि इह वसुंधराम् ब्रह्म-लोकम् च कौन्तेय गोलोकम् च सनातनम् मया त्वम् रक्षितो युद्धे महान्तम् प्राप्तः जयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
बहुविधै | बहुविध | pos=a,g=n,c=3,n=p |
रूपैः | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=p |
चरामि | चर् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
इह | इह | pos=i |
वसुंधराम् | वसुंधरा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
कौन्तेय | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
गोलोकम् | गोलोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
सनातनम् | सनातन | pos=a,g=m,c=2,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
रक्षितो | रक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
युद्धे | युद्ध | pos=n,g=n,c=7,n=s |
महान्तम् | महत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
प्राप्तः | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
जयम् | जय | pos=n,g=m,c=2,n=s |