महाभारतम् — 12.330.56
Original
Segmented
स अञ्जलि-प्रग्रहः भूत्वा चतुर्वक्त्रो निरुक्तगः उवाच वचनम् रुद्रम् लोकानाम् अस्तु वै शिवम् न्यस्य आयुधानि विश्वेश जगतो हित-काम्या
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | स | pos=i |
अञ्जलि | अञ्जलि | pos=n,comp=y |
प्रग्रहः | प्रग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भूत्वा | भू | pos=vi |
चतुर्वक्त्रो | चतुर्वक्त्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निरुक्तगः | निरुक्तग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
रुद्रम् | रुद्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
वै | वै | pos=i |
शिवम् | शिव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न्यस्य | न्यस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
आयुधानि | आयुध | pos=n,g=n,c=2,n=p |
विश्वेश | विश्वेश | pos=n,g=m,c=8,n=s |
जगतो | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
हित | हित | pos=n,comp=y |
काम्या | काम्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |