महाभारतम् — 12.330.21
Original
Segmented
त्रयो हि धातवः ख्याताः कर्म-जाः इति च स्मृताः पित्तम् श्लेष्मा च वायुः च एष संघात उच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रयो | त्रि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
धातवः | धातु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ख्याताः | ख्या | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
जाः | ज | pos=a,g=m,c=1,n=p |
इति | इति | pos=i |
च | च | pos=i |
स्मृताः | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
पित्तम् | पित्त | pos=n,g=n,c=1,n=s |
श्लेष्मा | श्लेष्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
वायुः | वायु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संघात | संघात | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |