महाभारतम् — 12.330.2
Original
Segmented
बोधनात् तापनात् च एव जगतो हर्षणम् भवेत् अग्नीषोम-कृतैः एभिः कर्मभिः पाण्डु-नन्दन हृषीकेशो ऽहम् ईशानो वर-दः लोक-भावनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बोधनात् | बोधन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तापनात् | तापन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
जगतो | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
हर्षणम् | हर्षण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अग्नीषोम | अग्नीषोम | pos=n,comp=y |
कृतैः | कृ | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
एभिः | इदम् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
कर्मभिः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
नन्दन | नन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
हृषीकेशो | हृषीकेश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
ईशानो | ईशान | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वर | वर | pos=n,comp=y |
दः | द | pos=a,g=m,c=1,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
भावनः | भावन | pos=a,g=m,c=1,n=s |