महाभारतम् — 12.330.1
Original
Segmented
श्री-भगवान् उवाच सूर्याचन्द्रमसौ शश्वत् केशैः मे अंशु-संज्ञितैः बोधय् तापयन् च एव जगद् उत्तिष्ठतः पृथक्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्री | श्री | pos=n,comp=y |
भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सूर्याचन्द्रमसौ | सूर्याचन्द्रमस् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
शश्वत् | शश्वत् | pos=i |
केशैः | केश | pos=n,g=m,c=3,n=p |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अंशु | अंशु | pos=n,comp=y |
संज्ञितैः | संज्ञित | pos=a,g=m,c=3,n=p |
बोधय् | बोधय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तापयन् | तापय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
जगद् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उत्तिष्ठतः | उत्था | pos=v,p=3,n=d,l=lat |
पृथक् | पृथक् | pos=i |