महाभारतम् — 12.329.41
Original
Segmented
ततः स देवराड् देवैः ऋषिभिः स्तूयमानः त्रिविष्टप-स्थः निष्कल्मषो बभूव ब्रह्म-वध्याम् चतुर्षु स्थानेषु वनिता-अग्नि-वनस्पति-गोषु व्यभजत् एवम् इन्द्रो ब्रह्म-तेजः-प्रभाव-उपबृंहितः शत्रु-वधम् कृत्वा स्व-स्थानम् प्रापितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
देवराड् | देवराज् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
देवैः | देव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
ऋषिभिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स्तूयमानः | स्तु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्रिविष्टप | त्रिविष्टप | pos=n,comp=y |
स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निष्कल्मषो | निष्कल्मष | pos=a,g=m,c=1,n=s |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
वध्याम् | वध्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
चतुर्षु | चतुर् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
स्थानेषु | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=p |
वनिता | वनिता | pos=n,comp=y |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
वनस्पति | वनस्पति | pos=n,comp=y |
गोषु | गो | pos=n,g=,c=7,n=p |
व्यभजत् | विभज् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
एवम् | एवम् | pos=i |
इन्द्रो | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
तेजः | तेजस् | pos=n,comp=y |
प्रभाव | प्रभाव | pos=n,comp=y |
उपबृंहितः | उपबृंहय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
वधम् | वध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
स्थानम् | स्थान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रापितः | प्रापय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |