महाभारतम् — 12.329.21
Original
Segmented
विश्वरूपो मातृ-पक्ष-वर्धनः ऽत्यर्थम् तपसि अभवत् तस्य व्रत-भङ्ग-अर्थम् इन्द्रो बह्वीः श्रीमत्यो ऽप्सरसो नियुयोज ताः च दृष्ट्वा मनः क्षुभितम् तस्य अभवत् तासु च अप्सरासु नचिराद् एव सक्तो ऽभवत् सक्तम् च एनम् ज्ञात्वा अप्सरसः ऊचुः गच्छामहे वयम् यथागतम् इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विश्वरूपो | विश्वरूप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मातृ | मातृ | pos=n,comp=y |
पक्ष | पक्ष | pos=n,comp=y |
वर्धनः | वर्धन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽत्यर्थम् | अत्यर्थम् | pos=i |
तपसि | तपस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
व्रत | व्रत | pos=n,comp=y |
भङ्ग | भङ्ग | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इन्द्रो | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बह्वीः | बहु | pos=a,g=f,c=2,n=p |
श्रीमत्यो | श्रीमत् | pos=a,g=f,c=2,n=p |
ऽप्सरसो | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
नियुयोज | नियुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ताः | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
क्षुभितम् | क्षुभ् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तासु | तद् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
अप्सरासु | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
नचिराद् | नचिरात् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सक्तो | सञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सक्तम् | सञ्ज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
अप्सरसः | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
ऊचुः | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
गच्छामहे | गम् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
यथागतम् | यथागत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |