महाभारतम् — 12.327.85
Original
Segmented
यदा च सुर-कार्यम् ते अविषह्यम् भविष्यति प्रादुर्भावम् गमिष्यामि तदा आत्म-ज्ञान-देशिकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
च | च | pos=i |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अविषह्यम् | अविषह्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
प्रादुर्भावम् | प्रादुर्भाव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
तदा | तदा | pos=i |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
देशिकः | देशिक | pos=a,g=m,c=1,n=s |