महाभारतम् — 12.327.84
Original
Segmented
लोक-कार्य-गतीः सर्वाः त्वम् चिन्तय यथाविधि धाता त्वम् सर्व-भूतानाम् त्वम् प्रभुः जगतो गुरुः त्वे आवेशित-भारः ऽहम् धृतिम् प्राप्स्यामि अथ अञ्जसा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
गतीः | गति | pos=n,g=f,c=2,n=p |
सर्वाः | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=p |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
चिन्तय | चिन्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यथाविधि | यथाविधि | pos=i |
धाता | धातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जगतो | जगन्त् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वे | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
आवेशित | आवेशय् | pos=va,comp=y,f=part |
भारः | भार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
धृतिम् | धृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्स्यामि | प्राप् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अथ | अथ | pos=i |
अञ्जसा | अञ्जसा | pos=i |