Original

वेदान्वेदाङ्गसंयुक्तान्यज्ञान्यज्ञाङ्गसंयुतान् ।निर्ममे लोकसिद्ध्यर्थं ब्रह्मा लोकपितामहः ।अष्टाभ्यः प्रकृतिभ्यश्च जातं विश्वमिदं जगत् ॥ ३० ॥

Segmented

वेदान् वेदाङ्ग-संयुक्तान् यज्ञान् यज्ञ-अङ्ग-संयुतान् निर्ममे लोक-सिद्धि-अर्थम् ब्रह्मा लोकपितामहः अष्टाभ्यः प्रकृति च जातम् विश्वम् इदम् जगत्

Analysis

Word Lemma Parse
वेदान् वेद pos=n,g=m,c=2,n=p
वेदाङ्ग वेदाङ्ग pos=n,comp=y
संयुक्तान् संयुज् pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part
यज्ञान् यज्ञ pos=n,g=m,c=2,n=p
यज्ञ यज्ञ pos=n,comp=y
अङ्ग अङ्ग pos=n,comp=y
संयुतान् संयुत pos=a,g=m,c=2,n=p
निर्ममे निर्मा pos=v,p=3,n=s,l=lit
लोक लोक pos=n,comp=y
सिद्धि सिद्धि pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
ब्रह्मा ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
लोकपितामहः लोकपितामह pos=n,g=m,c=1,n=s
अष्टाभ्यः अष्टन् pos=n,g=f,c=5,n=p
प्रकृति प्रकृति pos=n,g=f,c=5,n=p
pos=i
जातम् जन् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
विश्वम् विश्व pos=n,g=n,c=1,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=1,n=s
जगत् जगन्त् pos=n,g=n,c=1,n=s