महाभारतम् — 12.326.47
Original
Segmented
हिरण्यगर्भो लोकादि चतुर्वक्त्रः निरुक्तगः ब्रह्मा सनातनो देवो मम बहु-अर्थ-चिन्तकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हिरण्यगर्भो | हिरण्यगर्भ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लोकादि | लोकादि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चतुर्वक्त्रः | चतुर्वक्त्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निरुक्तगः | निरुक्तग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ब्रह्मा | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सनातनो | सनातन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
चिन्तकः | चिन्तक | pos=a,g=m,c=1,n=s |