महाभारतम् — 12.323.57
Original
Segmented
तस्य एव च प्रसादेन पुनः एव उत्थितः तु सः मही-तलतः गतः स्थानम् ब्रह्मणः समनन्तरम् पराम् गतिम् अनुप्राप्त इति नैष्ठिकम् अञ्जसा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
प्रसादेन | प्रसाद | pos=n,g=m,c=3,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
उत्थितः | उत्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मही | मही | pos=n,comp=y |
तलतः | तल | pos=n,g=n,c=5,n=s |
गतः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स्थानम् | स्थान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रह्मणः | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
समनन्तरम् | समनन्तर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पराम् | पर | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अनुप्राप्त | अनुप्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इति | इति | pos=i |
नैष्ठिकम् | नैष्ठिक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अञ्जसा | अञ्जसा | pos=i |