महाभारतम् — 12.323.32
Original
Segmented
नित्य-अञ्जलि-कृतान् ब्रह्म जपतः प्राच्-उदक्-मुखान् मानसो नाम स जपो जप्यते तैः महात्मभिः तेन एकाग्र-मनः-त्वेन प्रीतो भवति वै हरिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
अञ्जलि | अञ्जलि | pos=n,comp=y |
कृतान् | कृ | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जपतः | जप् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
प्राच् | प्राञ्च् | pos=a,comp=y |
उदक् | उदञ्च् | pos=a,comp=y |
मुखान् | मुख | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मानसो | मानस | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नाम | नाम | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जपो | जप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जप्यते | जप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
महात्मभिः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
एकाग्र | एकाग्र | pos=a,comp=y |
मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
त्वेन | त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वै | वै | pos=i |
हरिः | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |