महाभारतम् — 12.321.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच गृहस्थो ब्रह्मचारी वा वानप्रस्थो ऽथ भिक्षुकः य इच्छेत् सिद्धिम् आस्थातुम् देवताम् काम् यजेत सः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गृहस्थो | गृहस्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ब्रह्मचारी | ब्रह्मचारिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वा | वा | pos=i |
वानप्रस्थो | वानप्रस्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽथ | अथ | pos=i |
भिक्षुकः | भिक्षुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
य | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इच्छेत् | इष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सिद्धिम् | सिद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आस्थातुम् | आस्था | pos=vi |
देवताम् | देवता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
काम् | क | pos=n,g=f,c=2,n=s |
यजेत | यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |