महाभारतम् — 12.32.9
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच न ते ऽभिशङ्के वचनम् यद् ब्रवीषि तपोधन अपरोक्षो हि ते धर्मः सर्व-धर्म-भृताम् वर
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽभिशङ्के | अभिशङ्क् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रवीषि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
तपोधन | तपोधन | pos=a,g=m,c=8,n=s |
अपरोक्षो | अपरोक्ष | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
धर्मः | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
वर | वर | pos=a,g=m,c=8,n=s |