महाभारतम् — 12.319.17
Original
Segmented
ततः परम-धीर-आत्मा त्रिषु लोकेषु विश्रुतः भास्करम् समुदीक्षन् स प्राच्-मुखः वाग्यतो ऽगमत् शब्देन आकाशम् अखिलम् पूरयन्न् इव सर्वतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
परम | परम | pos=a,comp=y |
धीर | धीर | pos=a,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विश्रुतः | विश्रु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भास्करम् | भास्कर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समुदीक्षन् | समुदीक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्राच् | प्राञ्च् | pos=a,comp=y |
मुखः | मुख | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाग्यतो | वाग्यत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽगमत् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
शब्देन | शब्द | pos=n,g=m,c=3,n=s |
आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अखिलम् | अखिल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पूरयन्न् | पूरय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
सर्वतः | सर्वतस् | pos=i |