महाभारतम् — 12.318.27
Original
Segmented
एतस्माद् योनि-संबन्धात् यो जीवन् परिमुच्यते प्रजाम् च लभते कांचित् पुनः द्वंद्वेषु मज्जति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एतस्माद् | एतद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
योनि | योनि | pos=n,comp=y |
संबन्धात् | सम्बन्ध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जीवन् | जीव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
परिमुच्यते | परिमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
प्रजाम् | प्रजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कांचित् | कश्चित् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
द्वंद्वेषु | द्वंद्व | pos=n,g=n,c=7,n=p |
मज्जति | मज्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |