महाभारतम् — 12.317.22
Original
Segmented
निमेष-मात्रम् अपि हि वयो गम् न तिष्ठति स्व-शरीरेषु अनित्येषु नित्यम् किम् अनुचिन्तयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निमेष | निमेष | pos=n,comp=y |
मात्रम् | मात्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
हि | हि | pos=i |
वयो | वयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
गम् | गम् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
शरीरेषु | शरीर | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अनित्येषु | अनित्य | pos=a,g=n,c=7,n=p |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
किम् | किम् | pos=i |
अनुचिन्तयेत् | अनुचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |