महाभारतम् — 12.316.9
Original
Segmented
सक्तस्य बुद्धिः चलति मोह-जाल-विवर्धिन् मोह-जाल-आवृतः दुःखम् इह च अमुत्र च अश्नुते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सक्तस्य | सञ्ज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
चलति | चल् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मोह | मोह | pos=n,comp=y |
जाल | जाल | pos=n,comp=y |
विवर्धिन् | विवर्धिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मोह | मोह | pos=n,comp=y |
जाल | जाल | pos=n,comp=y |
आवृतः | आवृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
च | च | pos=i |
अमुत्र | अमुत्र | pos=i |
च | च | pos=i |
अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |