महाभारतम् — 12.316.3
Original
Segmented
नारदो अथ अब्रवीत् प्रीतो ब्रूहि ब्रह्म-विदाम् वर केन त्वाम् श्रेयसा तात योजयामि इति हृष्ट-वत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नारदो | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
विदाम् | विद् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
वर | वर | pos=a,g=m,c=8,n=s |
केन | क | pos=n,g=n,c=3,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
श्रेयसा | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
योजयामि | योजय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
हृष्ट | हृष् | pos=va,comp=y,f=part |
वत् | वत् | pos=i |