Original

क्षितिं वा देवलोकं वा गम्यतां यदि रोचते ।अप्रमादश्च वः कार्यो ब्रह्म हि प्रचुरच्छलम् ॥ ६ ॥

Segmented

क्षितिम् वा देव-लोकम् वा गम्यताम् यदि रोचते अप्रमादः च वः कार्यो ब्रह्म हि प्रचुर-छलम्

Analysis

Word Lemma Parse
क्षितिम् क्षिति pos=n,g=f,c=2,n=s
वा वा pos=i
देव देव pos=n,comp=y
लोकम् लोक pos=n,g=m,c=2,n=s
वा वा pos=i
गम्यताम् गम् pos=v,p=3,n=s,l=lot
यदि यदि pos=i
रोचते रुच् pos=v,p=3,n=s,l=lat
अप्रमादः अप्रमाद pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
वः त्वद् pos=n,g=,c=6,n=p
कार्यो कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
प्रचुर प्रचुर pos=a,comp=y
छलम् छल pos=n,g=n,c=1,n=s