Original

ब्राह्मणाय सदा देयं ब्रह्म शुश्रूषवे भवेत् ।ब्रह्मलोके निवासं यो ध्रुवं समभिकाङ्क्षति ॥ ४० ॥

Segmented

ब्राह्मणाय सदा देयम् ब्रह्म शुश्रूषवे भवेत् ब्रह्म-लोके निवासम् यो ध्रुवम् समभिकाङ्क्षति

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मणाय ब्राह्मण pos=n,g=m,c=4,n=s
सदा सदा pos=i
देयम् दा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
शुश्रूषवे शुश्रूषु pos=a,g=m,c=4,n=s
भवेत् भू pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
निवासम् निवास pos=n,g=m,c=2,n=s
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ध्रुवम् ध्रुव pos=a,g=m,c=2,n=s
समभिकाङ्क्षति समभिकाण्क्ष् pos=v,p=3,n=s,l=lat