महाभारतम् — 12.314.40
Original
Segmented
ब्राह्मणाय सदा देयम् ब्रह्म शुश्रूषवे भवेत् ब्रह्म-लोके निवासम् यो ध्रुवम् समभिकाङ्क्षति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्राह्मणाय | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=4,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
देयम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
शुश्रूषवे | शुश्रूषु | pos=a,g=m,c=4,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निवासम् | निवास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ध्रुवम् | ध्रुव | pos=a,g=m,c=2,n=s |
समभिकाङ्क्षति | समभिकाण्क्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |