महाभारतम् — 12.313.5
Original
Segmented
तत्र उपविष्टम् तम् कार्ष्णिम् शास्त्रतः प्रत्यपूजयत् पाद्यम् निवेद्य प्रथमम् अर्घ्यम् गाम् च न्यवेदयत् स च ताम् मन्त्रवत् पूजाम् प्रत्यगृह्णाद् यथाविधि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
उपविष्टम् | उपविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कार्ष्णिम् | कार्ष्णि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शास्त्रतः | शास्त्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
प्रत्यपूजयत् | प्रतिपूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
पाद्यम् | पाद्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
निवेद्य | निवेदय् | pos=vi |
प्रथमम् | प्रथमम् | pos=i |
अर्घ्यम् | अर्घ्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गाम् | गो | pos=n,g=,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
न्यवेदयत् | निवेदय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मन्त्रवत् | मन्त्रवत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पूजाम् | पूजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रत्यगृह्णाद् | प्रतिग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
यथाविधि | यथाविधि | pos=i |