Original

अन्तरिक्षाच्च कौरव्य दण्डः कृष्णाजिनं च ह ।पपात भुवि राजेन्द्र शुकस्यार्थे महात्मनः ॥ १३ ॥

Segmented

अन्तरिक्षात् च कौरव्य दण्डः कृष्ण-अजिनम् च ह पपात भुवि राज-इन्द्र शुकस्य अर्थे महात्मनः

Analysis

Word Lemma Parse
अन्तरिक्षात् अन्तरिक्ष pos=n,g=n,c=5,n=s
pos=i
कौरव्य कौरव्य pos=n,g=m,c=8,n=s
दण्डः दण्ड pos=n,g=m,c=1,n=s
कृष्ण कृष्ण pos=a,comp=y
अजिनम् अजिन pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
pos=i
पपात पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भुवि भू pos=n,g=f,c=7,n=s
राज राजन् pos=n,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s
शुकस्य शुक pos=n,g=m,c=6,n=s
अर्थे अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=s
महात्मनः महात्मन् pos=a,g=m,c=6,n=s