महाभारतम् — 12.31.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततो राजा पाण्डु-सुतः नारदम् प्रत्यभाषत भगवञ् श्रोतुम् इच्छामि सुवर्णष्ठीविन्-संभवम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ततो | ततस् | pos=i |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
सुतः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नारदम् | नारद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रत्यभाषत | प्रतिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भगवञ् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
सुवर्णष्ठीविन् | सुवर्णष्ठीविन् | pos=n,comp=y |
संभवम् | सम्भव | pos=n,g=m,c=2,n=s |