महाभारतम् — 12.309.23
Original
Segmented
ब्राह्मण्यम् बहुभिः अवाप्यते तपोभिस् तत् लब्ध्वा न परिपणेन ह ईड् स्वाध्याये तपसि दमे च नित्य-युक्तः क्षेम-अर्थी कुशल-परः सदा यतस्व
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्राह्मण्यम् | ब्राह्मण्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
बहुभिः | बहु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
अवाप्यते | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तपोभिस् | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
लब्ध्वा | लभ् | pos=vi |
न | न | pos=i |
परिपणेन | परिपण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
ह | ह | pos=i |
ईड् | ईड् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
स्वाध्याये | स्वाध्याय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तपसि | तपस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
दमे | दम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
युक्तः | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
क्षेम | क्षेम | pos=n,comp=y |
अर्थी | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कुशल | कुशल | pos=a,comp=y |
परः | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
यतस्व | यत् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |