Original

ब्राह्मणस्य हि देहोऽयं न कामार्थाय जायते ।इह क्लेशाय तपसे प्रेत्य त्वनुपमं सुखम् ॥ २२ ॥

Segmented

ब्राह्मणस्य हि देहो ऽयम् न काम-अर्थाय जायते इह क्लेशाय तपसे प्रेत्य तु अनुपमम् सुखम्

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मणस्य ब्राह्मण pos=n,g=m,c=6,n=s
हि हि pos=i
देहो देह pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
काम काम pos=n,comp=y
अर्थाय अर्थ pos=n,g=m,c=4,n=s
जायते जन् pos=v,p=3,n=s,l=lat
इह इह pos=i
क्लेशाय क्लेश pos=n,g=m,c=4,n=s
तपसे तपस् pos=n,g=n,c=4,n=s
प्रेत्य प्रे pos=vi
तु तु pos=i
अनुपमम् अनुपम pos=a,g=n,c=1,n=s
सुखम् सुख pos=n,g=n,c=1,n=s