महाभारतम् — 12.306.67
Original
Segmented
याज्ञवल्क्य उवाच कृत्स्न-धारिणम् एव त्वाम् मन्ये गन्धर्व-सत्तम जिज्ञाससि च माम् राजन् तत् निबोध यथाश्रुतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
याज्ञवल्क्य | याज्ञवल्क्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कृत्स्न | कृत्स्न | pos=a,comp=y |
धारिणम् | धारिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
गन्धर्व | गन्धर्व | pos=n,comp=y |
सत्तम | सत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
जिज्ञाससि | जिज्ञास् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
निबोध | निबुध् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यथाश्रुतम् | यथाश्रुतम् | pos=i |