Original

याज्ञवल्क्य उवाच ।सांख्यज्ञानं मया प्रोक्तं योगज्ञानं निबोध मे ।यथाश्रुतं यथादृष्टं तत्त्वेन नृपसत्तम ॥ १ ॥

Segmented

याज्ञवल्क्य उवाच साङ्ख्य-ज्ञानम् मया प्रोक्तम् योग-ज्ञानम् निबोध मे यथाश्रुतम् यथादृष्टम् तत्त्वेन नृप-सत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
याज्ञवल्क्य याज्ञवल्क्य pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
साङ्ख्य सांख्य pos=n,comp=y
ज्ञानम् ज्ञान pos=n,g=n,c=1,n=s
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
प्रोक्तम् प्रवच् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
योग योग pos=n,comp=y
ज्ञानम् ज्ञान pos=n,g=n,c=2,n=s
निबोध निबुध् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
यथाश्रुतम् यथाश्रुतम् pos=i
यथादृष्टम् यथादृष्टम् pos=i
तत्त्वेन तत्त्व pos=n,g=n,c=3,n=s
नृप नृप pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s