महाभारतम् — 12.302.15
Original
Segmented
त्वम् हि विप्र-इन्द्र कार्त्स्न्येन मोक्ष-धर्मम् उपाससे साकल्यम् मोक्ष-धर्मस्य श्रोतुम् इच्छामि तत्त्वतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
विप्र | विप्र | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कार्त्स्न्येन | कार्त्स्न्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
मोक्ष | मोक्ष | pos=n,comp=y |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपाससे | उपास् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
साकल्यम् | साकल्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मोक्ष | मोक्ष | pos=n,comp=y |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |