महाभारतम् — 12.300.1
Original
Segmented
याज्ञवल्क्य उवाच तत्त्वानाम् सर्ग-संख्या च काल-संख्या तथा एव च मया प्रोक्ता आनुपूर्व्येण संहारम् अपि मे शृणु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
याज्ञवल्क्य | याज्ञवल्क्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत्त्वानाम् | तत्त्व | pos=n,g=n,c=6,n=p |
सर्ग | सर्ग | pos=n,comp=y |
संख्या | संख्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
काल | काल | pos=n,comp=y |
संख्या | संख्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
प्रोक्ता | प्रवच् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
आनुपूर्व्येण | आनुपूर्व्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
संहारम् | संहार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |